सेंट्रल विस्टा: काम शुरू न करने की शर्त पर केंद्र को सिर्फ़ शिलान्यास की मिली मंज़ूरी

PTI5_17_2018_000040B

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को 10 दिसंबर को ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ के आधारशिला कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दे दी. इससे पहले सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दीपक माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को आश्वासन दिया कि सिर्फ आधारशिला रखने का कार्यक्रम किया जाएगा और वहां कोई निर्माण कार्य, इमारतों को गिराने या पेड़ काटने जैसा कोई काम नहीं होगा.

इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में हुई थी, जिसमें एक नए त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है. इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी. इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा.

इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है. सरकार की इस परियोजना के खिलाफ न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांच दिसंबर को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे. इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘कतिपय घटनाक्रम के मद्देनजर यह मामला स्वत: ही सूचीबद्ध किया गया था. सॉलिसीटर जनरल से बातचीत में न्यायालय ने जब अपनी चिंता व्यक्त की तो सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि इन सभी मामलों में न्यायालय का फैसला आने तक संबंधित जगह पर किसी प्रकार की निर्माण वाली गतिविधि नहीं होगी और न ही किसी संरचना को गिराया जाएगा. वृक्षों को अन्यंत्र ले जाने का काम भी विलंबित रखा जाएगा.’

पीठ ने आदेश में आगे कहा, ‘हम इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लेते हैं. इस तथ्य के मद्देनजर हम स्पष्ट करते हैं कि प्राधिकारी इस स्थल के स्वरूप में किसी भी प्रकार का बदलाव किए बगैर 10 दिसंबर, 2020 को आधारशिला कार्यक्रम का आयोजन जारी रखने सहित सभी प्रक्रिया से संबंधित कार्यवाही जारी रख सकते हैं.’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here