विश्व ओजोन दिवस और क्या है इसका महत्व-

ओजोन परत के बारे में लोगों में जागरूक करने के मकसद से हर वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। वायुमंडल में ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावाइलट किरणों से पृथ्वी को बचाती हैं।दूसरे शब्दों में कहें तो ओजोन की परत के बिना पृथ्वी पर जीवन मुमकिन नहीं होता। सूर्य से निकलने वाली ये किरणें त्वचा रोग समेत कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं। हर साल ओजोन परत के संरक्षण के लिए एक अलग थीम तैयार करके लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है। विश्व ओजोन दिवस 2020 की थीम ‘ओजोन फॉर लाइफ (Ozone For Life)’ है। 

ये परत ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी बिना गंध वाली गैस है। यह धरती पर सूर्य की हानिकारण अल्ट्रावाइलट किरणें पहुंचने नहीं देती। लेकिन प्रदूषण ने ओजोन में छेद कर दिए हैं जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ा है। 

पृथ्वी से निकलने वाली रासायनिक गैसें ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती हैं। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि रेफ्रिजरेटर और एसी ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। 

ओजोन दिवस की शुरुआत कब हुई ?
1970 के दशक के अंत में वैज्ञानिकों को ओजोन परत में छेदों के बारे में पता चला। इसके बाद 80 के दशक में विश्व के कई देशों की सरकार ने इस समस्या पर चिंतन करना शुरू किया। 1985 में दुनिया की सरकारों ने ओजोन परत की सुरक्षा के लिए वियना कन्वेशन को अपनाया। इसके बाद 19 दिसंबर 1994 को यूएन की जनरल असेंबली ने 16 सितंबर को ओजोन लेयर के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया। पहला ओजोन डे 16 सितंबर 1995 को मनाया गया था।

30 years of healing the ozone layer

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