कोरोना (Coronavirus) संकट काल में बैंक लोन की EMI चुकाने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से दी गई लोन मोरेटोरियम (moratorium) की राहत कल यानि 31 अगस्त को खत्म हो गई, लेकिन अब इसे दिसंबर तक और बढ़ाने को लेकर बहस हो रही है.
लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बोला जानिए कब तक मिल सकती है राहत
लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
कल तक के लिए टली मामले पर सुनवाई
2 साल तक बढ़ा सकते हैं स्कीम: सॉलिसिटर जनरल
नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संकट काल में बैंक लोन की EMI चुकाने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से दी गई लोन मोरेटोरियम (moratorium) की राहत कल यानि 31 अगस्त को खत्म हो गई, लेकिन अब इसे दिसंबर तक और बढ़ाने को लेकर बहस हो रही है. आज सुप्रीम कोर्ट (supree court) में इसे लेकर सुनवाई भी हुई.
2 साल तक और बढ़ सकती है स्कीम
सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General of India) तुषार मेहता ने कहा कि, लोन मोरेटोरियम की अवधि दो साल तक बढ़ाई जा सकती है. इस अवधि में ब्याज के मुद्दे पर केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक बात करेगें जिसके लिए कुछ समय दिया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट पहले गौर कर ले. सालिसिटर जनरल की इस बात पर सुप्रीम कोर्ट कहा कि ‘Please be fair”
मामले को लंबा नहीं खीचेंगे: सुप्रीम कोर्ट
इस संवेदनशील मामले पर सुनवाई को हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कल तक के लिए टाल दिया है, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि मामले को और लंबा नहीं किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच कल सिर्फ इस मामले को सुनेगी. मामले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि कोरोना संकट में जिन मुश्किल आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम की सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं हुई है, ऐसे में मोरेटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए.