यूपीः वीडियो मामले में गूगल के सीईओ सुंदर पिचई के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज, बाद में नाम हटाया

वाराणसीः उत्तर प्रदेश की वाराणसी पुलिस ने गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचई सहित 18 लोगों के खिलाफ पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर छवि खराब करने वाले वीडियो को लेकर मामला दर्ज किया था.

हालांकि बाद में एफआईआर से पिचई और गूगल के अधिकारियों के नाम हटा दिए गए.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें बाद में पता चला कि इस मामले में पिचई और गूगल के तीन अन्य शीर्ष अधिकारियों की भूमिका नहीं है, इसलिए उनके नाम एफआईआर से हटा दिए गए.

पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह एफआईआर एक स्थानीय निवासी की शिकायत के बाद दर्ज की गई.

शिकायकर्ता ने दावा किया था कि पिछले साल अक्टूबर महीने में वॉट्सऐप ग्रुप और बाद में यूट्यूब पर एक वीडियो आया था, जिसमें प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर अमर्यादित टिप्पणी की गई थी.

उनका दावा था कि इस वीडियो पर आपत्ति जताने के बाद उन्हें उनके फोन पर 8,500 से ज्यादा बार धमकी भरे फोन आए थे.

यह एफआईआर छह फरवरी 2021 को वाराणसी के भेलूपुर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी. पिचई के अलावा एफआईआर में संजय कुमार गुप्ता सहित गूगल इंडिया के तीन शीर्ष अधिकारियों के नाम भी शामिल था.

एफआईआर में जिन अन्य लोगों के नाम दर्ज हैं, उनमें गाजीपुर जिले के एक संगीतकार भी हैं, जिन्होंने कथित तौर पर यह वीडियो गाना बनाया था. इसके अलावा एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो और एक स्थानीय संगीत कंपनी के नाम एफआईआर में शामिल हैं.

बता दें कि यह एफआईआर आईपीसी की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 500 (मानहानि), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दर्ज की गई. इसके साथ ही आरोपियों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 67 के तहत भी आरोप दर्ज किया गया.

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