मिलिंग की अमानक धन के लिए बनाई गयी जांच कमेटी-

जिले की सरकारी और गैरसरकारी गोदाम में भंडारित सरकारी चावल का गुणवत्ता का परीक्षण चल रही है। भारतीय खाद्य निगम के एजीएम क्यूसी के नेतृत्व में तीन दिन पहले यहां पहुंची 4 सदस्यीय टीम ने अब तक जिला मुख्यालय समेत जिले के 5 वेयर हाउस के 61 सेंपल लिए जा चुके हैं। हाल ही में बालाघाट में सरकारी योजनाओं में मुर्गी दाना के लिए प्रयुक्त होने वाले चावल की आपूर्ति पर भारी हंगामा हुआ था। माना जा रहा है कि ऐसे ही आरोपों के बाद यहां चावल के गुणवत्ता का उच्च स्तरीय परीक्षण शुरु किया गया है।

 उल्लेखनीय है,  खरीफ सीजन 2019-20 के दौरान समर्थन मूल्य पर जिले में नागरिक आपूर्ति निगम ने समर्थन मूल्य पर  2 लाख 48 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। इस धान की सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस ) के जरिए प्रायेवट मिलर से मिलिंग कराई गई थी। मिलिंग के बाद  चावल का यहां के विभिन्न वेयर हाउस में भंडारण कराया गया है। भंडारित चावल का शासकीय योजनाओं में वितरण किया जाना है। 

 मंडी के वेयर हाउस से उठाए गए नमूने :——-

जानकारों ने बताया है कि भंडारित चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के क्रम में सबसे ज्यादा 15 सेंपल कृषि उपज मंडी स्थित वेयर हाउस से उठाए गए हैं। इसके अलावा डिलौरा और पतेरी स्थित 2 सरकारी गोदामों और सन वेयर हाउस से कुल 14 तथा नागौद से 4 और मैहर तथा  उचेहरा स्थित गोदामों से कुल 16 नमूनों की सेंपलिंग ली गई है।

गोदाम में आए हुए चावल की हेराफेरी का मामला गरमाता जा रहा है। डीएम ने अफसरों की जांच टीम बनाई है। उधर, डीएसओ ने परिवहन ठेकेदार को नोटिस जारी किया है। वहीं आरएफसी के आदेश पर जांच कर रहे जिला खाद्य विपणन अधिकारी की जांच में केंद्र प्रभारी और ठेकेदार की मिलीभगत का खुलासा हो रहा है। अफसरों की मानें तो इस गोलमाल में एक राइस मिलर की भूमिका भी सामने आ रही है।

फिलहाल, मामले में पुलिस और खाद्य विभाग की टीम ने मिल में जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कार्रवाई कई बड़े खुलासे होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं पुलिस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया है।लगाया जा रहा है. वहीं पुलिस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया है।

 

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