फरवरी महीने में हुए उत्तर पूर्वीदिल्ली के दंगों में अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और खालिस्तान मूवमेंट का नाम सामने आया है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ओर से दाखिल आरोपपत्र में एक आरोपित अतहर खान ने अपने बयान में खालिस्तान मूवमेंट के तीन समर्थकों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नाम लिया है। बता दें कि उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोप अतहर ने पूछताछ में बताया कि उसके एक सहयोगी रिजवान सिद्दकी ने 10 और 11 फरवरी को उसे और अन्य को कहा था कि उसने खालिस्तान मूवमेंट समर्थक बगीचा सिंह और लवप्रीत सिंह से शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर मुलाकात की थी, जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है।
रिजवान ने हमसे कहा कि इन लोगों (खालिस्तान मूवमेंट समर्थकों) ने दंगों में हमारा समर्थन करने और अपने एक आदमी को प्रदर्शन स्थल पर भेजने का वादा किया है। इसके आठ से दस दिन बाद चांद बाग स्थित धरनास्थल पर जबरजंग सिंह आया। उसने बताया कि उसे बगीचा सिंह ने भेजा है। जबरजंग सिंह ने धरनास्थल पर सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया था।
गौरतलब है कि 24-25 फरवरी को हुए दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसी के साथ घरों-दुकानों और गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। जान गंवाने वालों में इंटैलिजेंस ब्यूरो का एक स्टाफ भी था। हिंसा को भड़काने में नेताओं के साथ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी नाम सामने आया है।