Pakistan Nuclear Power: पाकिस्तान जर्मनी से परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम जैसे व्यापक विनाश के हथियारों और उनके डिलिवरी सिस्टम को बनाने के लिए जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा था।
जर्मनी की एक इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट में किया गया है दावा
पाक की परमाणु, मिसाइलों जैसे हथियार हासिल करने की कोशिश
जर्मनी समेत कई देशों में इसके लिए जारी अवैध हैं गतिविधियां
दूसरे देशों के दूतावास या प्रेस एजेंसी में काम करते हैं अधिकारी
वहां से जुटाते हैं अवैध जानकारियां, हथियारों के लिए इस्तेमाल
इस्लामाबाद
पाकिस्तान अपने हथियारों के जखीरे और क्षमता को किस हद तक विकसित करने में जुटा है, इसके सबूत जर्मनी के सारलैंड (Saarland) की घरेलू इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट में मिलते हैं। इस एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान, पाकिस्तान और कुछ हद तक
सीरिया ने परमाणु और मिसाइलों जैसे व्यापक विनाश के हथियारों और उनके डिलिवरी सिस्टम को बनाने के लिए सामान और जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी। डिलिवरी सिस्टम में मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता शामिल होती है। गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले ही जर्मनी ने पाकिस्तान को एक झटका दिया था। पाकिस्तान ने अपनी पंडुब्बियों को पानी के नीचे रखने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) देने से इनकार कर दिया था।
पाकिस्तान की अवैध गतिविधियां हैं जारी
द जेरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के हवाले से पिछले साल यहां सुरक्षा को पैदा हुए खतरे पर यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि जर्मनी और दुनिया के कई देशों में पाकिस्तान की परमाणु हथियारों से जुड़ीं अवैध गतिविधियां जारी हैं। पाकिस्तान न्यूक्लियर और कैरियर टेक्नॉलजी के लिए विस्तृत प्रोग्राम चलाता है और अपने सबसे बड़े दुश्मन भारत के खिलाफ ताकत बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में विस्तार और आधुनिकीकरण करना चाहता है।
ऐसे जुटाते हैं जानकारियां
द पोस्ट ने सारलैंड डमेस्टिक इंटेलिजेंस एजेंसी से इस बारे में जानकारी ली कि 2019 में ईरान ने कैसे अवैध सामान की मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों की इंटेलिजेंस सर्विस जर्मनी में अलग-अलग स्टाफ लेवल पर आधिकारिक प्रतिनिधियों के रूप में मौजूद हैं। इससे वे दूतावास या प्रेस एजेंसी में इंटेलिजेंस का काम करते हैं जबकि लगते अधिकारी हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ये लोग खुले में या छिपकर जानकारियां जुटाते हैं और इनके देशों के हेडक्वॉर्टर्स से चलाए जा रहे ऑपरेशन्स के तहत आर्थिक या राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इसमें ईरान और चीनी खुफिया एजेंसियां भी शामिल हैं।
जर्मनी ने पाकिस्तान को दिया था झटका
जर्मनी से पाकिस्तान ने AIP मांगा था ताकि उसकी पनडुब्बियों को सतह पर ना आना पड़े। AIP सिस्टम से पनडुब्बियों की जंगी क्षमता भी बड़ जाती है क्योंकि इससे डीजल इंजन बिना अटमॉस्फीरिक हवा के हफ्तों चल सकते हैं। परंपरागत पनडुब्बियों को हर दूसरे दिन सतह पर लौटना पड़ता है जिससे उनके पकड़े जाने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, जर्मन फेडरल सिक्यॉरिटी काउंसिल ने 6 अगस्त को अपना फैसला सुना दिया और पाकिस्तान को यह देने से इनकार कर दिया।