उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू होने के बाद दर्ज पहले मामले का आरोपी गिरफ़्तार

बरेली: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून आने के बाद बरेली जिले में विवाह के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का पहला केस दर्ज होने के बाद मामले के 21 वर्षीय आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

बरेली के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश कुमार पांडे ने बुधवार को बताया, ‘जिले की बहेड़ी पुलिस ने रिछा रेलवे फाटक के पास से ओवैस अहमद नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.’

उन्होंने बताया कि पुलिस ने ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ के तहत युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हाल में प्रदेश में पारित इस कानून के तहत यह पहली गिरफ्तारी है.

पांडे ने बताया, ‘गिरफ्तारी के बाद ओवैस अहमद को पुलिस ने बहेड़ी सत्र अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.’

बरेली के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘जिले के थाना देवरनिया के गांव शरीफ नगर में रहने वाली एक युवती के परिवार का आरोप था कि ओवैस उसे तीन साल से परेशान कर रहा था और विवाह के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था.’

मालूम हो कि बीते 28 नवंबर को देवरनिया थाने में युवती के पिता की शिकायत पर ओवैस के विरुद्ध ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’

आरोपी ओवैस अहमद युवती के मोहल्ले में ही रहता था और पिछले साल दोनों घर से भाग गए थे. उसके बाद दोनों को पकड़कर वापस लाया गया और ओवैस को गिरफ्तार भी किया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, युवती के पिता ने ओवैस अहमद पर अपनी बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया था. हालांकि युवती ने अपने पिता के आरोपों को खारिज किया था. इसके बाद अप्रैल में परिवारवालों ने उस युवती की कहीं और शादी करवा दी.

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