महिला बाल विकास विभाग के 214 आंगनबाड़ी केन्द्रों में आज भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है, यहां पेयजल के कोई स्त्रोत नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन आंगनबाड़ी केंद्रो के बच्चे पेयजल के लिए कहां जाते है, पीने के लिए पानी इनको कहां से मिलता है।
महिला बाल विकास विभाग के आंकडों पर ध्यान दिया जाये तो जिले के 14 परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 3 हजार 34 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है।
जिनमें पेयजल के लिए 2 हजार 45 केन्द्रों में जल स्त्रोत जैसे- हैंडपंप, 374 केंद्रो में नलजल और 35 केंद्रो में पेयजल के लिये कुंआ है। जबकि 57 आंगनबाड़ी केन्द्रों में दूसरे माध्यमों से पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है।
इन परियोजना के अंतर्गत इतने सेंटर है जहां व्यवस्था नहीं है-
जिन 14 परियोजना के अंतर्गत जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हैं उनमें ये आंगनबाड़ी सम्मिलित है, नागौद-2 के 14, सतना-सोहावल के 14, उचेहरा के 15, रामनगर के 16, मैहर के 22, रामपुर बाघेलान के 11, चित्रकूट के 16, मैहर-2 के 21, सतना-2 के 11 आदि है।\